इमाम मोहम्मद तक़ी अ.स. का याहया इब्ने अक्सम से मुनाज़ेरा
अब्बासी ख़लीफ़ा मामून ने इमाम रज़ा अ.स. की शहादत के फ़ौरन बाद तूस से बग़दाद आकर इमाम मोहम्मद तक़ी अ.स. को एक ख़त लिख कर बग़दाद आने की दावत दी
अब्बासी ख़लीफ़ा मामून ने इमाम रज़ा अ.स. की शहादत के फ़ौरन बाद तूस से बग़दाद आकर इमाम मोहम्मद तक़ी अ.स. को एक ख़त लिख कर बग़दाद आने की दावत दी
इमामे ज़माना के ज़ुहूर और फिर हुकूमत के दौरान बहुत सी औरतें आपकी मदद करेंगी, हालांकि रिवायतों में इमामे ज़माना की ख़िदमत करने वाली चार तरह की औरतों का ज़िक्र मिलता है।
तारीखदानो ने हिन्दुस्तान मे इस्लाम की आमद हज्जाज बिन युसुफ के नौजवान कमांडर मौहम्मद बिन क़ासिम से मंसूब की है और ये ऐसी ज़हनीयत का नतीजा है कि जो इस्लाम को तलवार के फलता फूलता मानती है यहाँ भी यही जाहिर किया गया है कि मौहम्मद बिन कासिम ने हिन्दुस्तान पर हमला किया जिसके नतीजे मे हिन्दुस्तान मे इस्लाम की शूरूआत हुई।
मुवर्रेख़ीन का इत्तेफ़ाक़ है कि आपकी विलादत ब सआदत 15 शाबान 225 हिजरी यौमे जुमा बवक़्ते तुलूए फ़जर वाक़े हुई है। जैसा कि ...
लेखकः सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
शहीदे राबे (र.अ.) का अस्ल नाम मीरज़ा मौहम्मद था, आपका तख़ल्लुस कामिल था।
अनुवादकः सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
इमाम हुसैन (अ.स) की शहादत मे उमर का किरदार का अंदाजा हमे इन बातो से होता है कि कितनी हैरत की बात है कि उमर जो अपने गवर्नरो से बहुत ज़्यादा सख्ती से पेश आता था। उसने माविया की साफ ग़लतीयो से आँखे चुराई और उन सब बातो के देखते हुऐ कि माविया ने बादशाहत क़ायम कर ली है और हुकुमते इस्लामी के शाम के बड़े इलाक़े मे फितना व फसाद बरपा कर रखा है। उमर ने कभी भी इसकी इस्लाह के लिऐ एक लफ्ज़ भी नही कहा। ये कितने ताज्जुब की बात है।